cibil score kaise badhaye पर्सनल लोन लेते समय बैंक सिर्फ सिबिल स्कोर ही चेक नहीं करते हैं बल्कि सिबिल स्कोर के साथ-साथ बैंक यह तीन तरह के रेशों भी देखते हैं इन रेशों से यह पता चलता है कि आप बैंक का पैसा चुका पाएंगे या नहीं।
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Debt to Income Ratio (DT Ratio)
किसी को भी लोन देने से पहले बैंक Debt to Income Ratio जरूर चेक करता है।
यह Ratio मंथली डेट पेमेंट और ग्रॉस सैलेरी को कंपेयर करके कैलकुलेट किया जाता है।
जितना कम डीटी Ratio होगा लोन मिलने के चांस उतने ही अधिक होंगे। cibil score kaise badhaye
इससे बैंक को यह भी पता चल जाता है कि आपके ऊपर पहले से कितने लोन हैं और आपके हाथ में कितना पैसा बचता है।
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EMI / NMI Ratio
EMI Ratio के जरिए बैंक इस बात का कैलकुलेशन करता है कि NMI कितना हिस्सा मौजूद EMI और चल रहे लोन के EMI पर खर्च होगा। cibil score kaise badhaye
अगर EMI और NMI 50 से 55% तक है तब ठीक है लेकिन अगर इससे अधिक Ratio है तो बैंक लोन देने से मना कर देते हैं।
या फिर अक्सर अधिक ब्याज पर लोन मिलता है।
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Loan to Value Ratios (LTV)
इस Ratio का कैलकुलेशन खास तौर पर हाउसिंग लोन के मामले में किया जाता है।
इस रेशों के मदद से रिस्क को समझना काफी आसान हो जाता है।
LTV Ratio से पिछले लोन की एसेट या फिर कॉलेटरल की तुलना में कितनी Value है।
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जब भी लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक सिबिल स्कोर के अलावा यह सारी चीज भी देखते हैं इसके बाद ही लोन अमाउंट और इंटरेस्ट रेट तय किया जाता है। cibil score kaise badhaye
कई बार लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो लोन रिजेक्ट हो जाता है तो यह सारे कारण भी हो सकते हैं।